जब से मेरा विवाह हुआ मेरे पिताजी ने शनिवार का दिन अपनी पत्नी के संग बिताने का नियम बना दिया था !उनका

जब से मेरा विवाह हुआ मेरे पिताजी ने शनिवार का दिन अपनी पत्नी के संग बिताने का नियम बना दिया था !उनका कहना था की घर की बहु दिन भर गृहकार्य में व्यस्त रहती है,बाहर या तो हमारे साथ या अपने पति के साथ ही जा सकती है! अतः शनिवार को आधे दिन की छुट्टी करसभी भाई अपनी पत्नीयो के संग बहार घूमने, मनोरंजन करने का प्रोग्राम बनाते रहे है !आज पिताजी नहीं है सभी भाई लोग अपने अपने घरों में अपनी अपनी ग्रहस्ति में व्यस्त है! परन्तु में पिताजी की शनिवार वाले नियम का आज भी पालन कर रहा हूँ !शनिवार को आधे दिन का अवकाश कर आज भी हम पतिपत्नी घर से बहार घूमने का इधर उधर मटरगस्ती का प्रोग्राम बनाते है ! पिछले शनिवार को जब हम दोनों दिन करीब दो बजे के आस पास जयगढ़ किल्ला घूमने का प्रोग्राम बनाया ! मोसम बड़ा खुशनुमा था बादल छाए हुए थे ठंडी ठंडी हवा चल रही थी !ज्योही मेने अपनी कार बाहर निकाली मेरे बेटे के ससुराल पक्ष के एक रिश्तेदार मय अपनी पत्नी के हमारे से मिलने आगये ! मुज़फ्फरनगर के रहने वाले है !दोनों बड़े खुशमिजाज इंसान है !दोनों उच्च पद से सेवानिवृत हुए है ! घर में सभी आराम है ! दोनों को अच्छी खासी पेंशन मिलती है ! एक बेटा है जिसकी हाल ही में शादी की है एक बेटी जिसकी तीन साल पहले एक संपन्न परिवार मेंशादी कर दी !उनका बेटा बैंक में अच्छे पद पर काम करता है ! मेने उनको देखते ही मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया ! श्रीमानजी बोले ,कहिये कही जाने का कार्यक्रम बन रहा है ? अरे बस योंही घूमने का कार्यक्रम बन गया मौसम बड़ा अच्छा है ना ! मेने उन्हें अंदर ड्राइंगरूम में बिठाते हुये कहा ! इतने में हमारी श्रीमतीजी भी आ गई उन्होंने भी उनसे नमस्ते की !कुछदेर इधर उधर की औपचारिक बाते हुई ! फिर कहने लगे सालासर के बालाजी के दर्शन करने गए थे रात को ट्रैन से रिजर्वेशन है सोचा आपसे मिल ले ! अरे बहुत अच्छा किया भाईसाहब मेरी श्रीमतीजी ने कहा ! फिर हमारी श्रीमतीजी उनके लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करने लगी ! हमने हमारा घूमने का कार्यक्रम रद्द कर दिया ! उनकीश्रीमती जी हमारी श्रीमतीजी के साथ किचिन में चली गई ! और हम दोनों आपस में इदर उधर के वार्तालाप में व्यस्त हो गए !करीब आधे पोन घंटे के अंदर श्रीमतीजी ने चाय ,पकोड़े ,हलवा इत्यादि का नाश्ता तैयार कर डाइनिंग टेबिल पर लगा दिया ! और हम सब नाश्ता करने लगे !नाश्ता करते समय हमारी श्रीमतीजी ने पुछा और केसा चल रहा है ?बहु केसी है ?तो उनकी श्रीमतीजी ने कहा सब भगवन की दया है सब ठीक है ! फिर कहने लगी पर आज की बहुए बड़ी तेज है आते ही न जाने बेटे पर क्या जादू किया की बेटा उसी का हो कर रह गया ! क्यों क्या हुआ ?क्या आपका बेटा आपकी बात मानने से इंकार करने लगा है ?हमारी श्रीमतीजी ने पुछा ?अरे नहीं ऐसा नहीं है मेरी बात मानता है पर तुरंत नहीं ! क्या मतलब ?हमारी श्रीमतीजी ने पुछा ?अरे कल मेने उससे कहा की बेटा जरा मुझे लक्ष्मीनारायजी के मंदिर में दर्शन करा ला तो कहने लगा मम्मी आज बैंक में बहुत काम है कल रविवार है छुट्टी है उस दिन करा लाऊंगा और उसदिन रात को बहु ने पिक्चर देखने का कार्यक्रम तो रात को नो बजे वो पिक्चर देखने चला गया ! अभी कुछ दिन पहले मेने कहा बेटा सामने वाली दुकान से जरा ये सामान ले आ तो कहने लगा मम्मी मुझे बैंक जाने में देर हो रही है शाम को ला दूंगा ! और उसदिन शाम को घर आने के बाद उसकी पत्नी के साथ उसके मतलब का सामान लेने चला गया ! फिर आगे बोली ये काले माथे वाली जादूगरनिया जो करदे वो कम है ! हां ये तो है बहनजी अब आपका और हमारा समय तो रहा नहीं जब सास ससुर के आगे अपनी जुबान नहीं खुलती थी ! हमारी श्रीमतीजी ने उनकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा !फिर चाय की चुस्की लेते हुए पुछा आपकी बिटिया के क्या हाल है ?अरे वो तो एक दम मस्त है उसकी सास ससुर भी उसे बहुत चाहते है और दामादजी उनका तो बस पूछो ही मत बिटिया की कोई बात नहीं टालते वो जो कुछ कहे तुरंत उसकी इच्छा पूरी कर देते है ! अब तो उसके एक साल की बिटिया भी हो गई है ! भगवान ऐसा दामाद सब को दे वो हाथ जोड़ते हुए व गर्दन झुकाते हुए बोली ! मेने मुस्कुराते हुए कहा भगवन ने आप की सुन ली इसी लिए तो आपकी बहु के माता पिता को ऐसा ही दामाद मिला है !अब उनके चोकने की बारी थी उनके चहरे से लग रहा था की उन्होंने कुछ गलत कह दिया ! मेने बात सँभालते हुए कहा की ऐसी कोई बात नहीं है आपका बेटा आज भी आपसे उतना हो प्यार करता है जितना पहले करता था ! बस आपकी सोच बदलने की बात है ! हो सकता है उस रोज उसे बैंक में कुछ कार्य हो उसने आपको मना थोड़े ही किया था की वो आपको दर्शन नहीं करायेगा ! रात को नो बजे तो पिक्चर ही चलती है उस समय तो कोई मंदिर तो खुला नहीं रहता इस लिए वो पिक्चर देकने चले गए ! मेने आगे कहा देखिये माँ बेटे का रिश्ता ममता का रिश्ता होता है माँ बेटे से बहुत ममता रखती है और बेटा भी माँ को बहुत प्यार करता है उसका मान करता है पूजा करता है पर इसकी भी एक हद होती है और यही हाल भाई बहिन के रिश्ते में भी होती है !पर एक पत्नी, पति के साथ , माँ, और बहिन, का रिश्ता तो निभाती ही निभाती है परन्तु उसके साथ साथ वो एक प्रेयसि का रिश्ता और प्रकृति प्रदान नर और नारी का रिश्ता भी निभाती है जो माँ एवं बहिन के लिए नितांत असंभव है ! और अगर ऐसी परिस्थिति में बेटा या भाई अपनी पत्नी के प्रति अधिक झुक जाये तो हमें तो खुश होना चाहिए की हमारे बेटा बहु में आपस में बहुत प्रेम है इसे हम दूसरे रूप में क्यों लें ! सही कह रहो हो भाई साहब अब श्रीमानजी हँसते हुए कहा हमें बेटे बेटियो को शादी के बाद बच्चा नहीं समझना चाहिए अपितु एक जिम्मेदार दम्पति भी समझना चाहिए जिनकी आपस में एक दूसरे के प्रति भी कुछ कर्त्तव्य होते है.
Courtesy - Hindi Stories ke FB Group se... (Author)

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